काला जादू
काला जादू
कोई काला जादू छाया है नील गगन पर आज
काले काले बदरा रहे हैं चारों ओर से नाच
काली कमली वाले ने कैसा काला जादू डाला
छम छम बरसे तन पे मन हुआ मतवाला।
कुहके प्रेम पपिहा, नाचे जंगल मोर
झूम रहे हैं सारे बरसा प्रेम चहुं ओर
सन सन चलती मस्त पवन मचा रही है शोर
चमक उठा हर तरुवर पंछी करे विभोर।
आभार – नवीन पहल – १२.०१.२०२४🌹🙏
# दैनिक प्रतियोगिता हेतु कविता 🙏🙏
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HARSHADA GOSAVI
18-Jan-2024 09:20 AM
👌⭐
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Reyaan
18-Jan-2024 12:11 AM
V nice
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Sushi saxena
16-Jan-2024 08:16 PM
Nice
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